Ind vs pak 2007 final T-20: भारत ने वर्ल्ड टी-20 के फाइनल मै पाकिस्तान को हराकर जीत हासिल की।
सबको चोखाते भारतीय टीम पहुंची फाइनल में
सभी को चौंकाते हुए धोनी के धुरंधर फाइनल तक पहुंच गए थे और उनके सामने थी पाकिस्तान की टीम। इस टूर्नमेंट में भारत पाकिस्तान को एक बार पहले हरा चुका था। दरअसल लीग मैच में भारत ने पाकिस्तान को बॉल आउट में हराया था। इस पूरे टूर्नमेंट में फाइनल तक भारतीय टीम को सिर्फ एक मुकाबले में (कीवी टीम से) हार मिली थी।
मिसबाह ने जगाई रखी पाक की उम्मीद
इमरान नजीर (33) ने कुछ देर टिककर बल्लेबाजी की पर उथप्पा ने उन्हें रनआउट कर भारत को बड़ी कामयाबी दिलाई। पाकिस्तान लगातार विकेट खोता रहा पर मिसबाह-उल-हक ने उसकी उम्मीद जगाई रखी। पाक टीम को चार ओवर में 54 रन चाहिए थे और उसके सात बल्लेबाज पविलियन लौट चुके थे। ऐसे में हरभजन के एक ओवर में मिसबाह ने तीन छक्के लगाकर पाकिस्तान की मैच में वापसी कर दी। पाकिस्तान को अब 18 गेंदों पर 35 रनों की जरूरत थी। 18वें ओवर में तनवीर ने श्रीसंत के ओवर में दो छक्के लगाकर भारत को पूरी तरह दबाव में ला दिया था लेकिन आखिरी गेंद पर श्रीसंत ने तनवीर को बोल्ड कर हिसाब चुकता कर लिया।
आखिरी ओवर में भारत की जीत
आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे और भारत को चाहिए था एक विकेट। धोनी ने सभी संभावनाओं से परे गेंद युवा गेंदबाज जोगिंदर शर्मा के हाथ में थमाई। पहली गेंद ऑफ स्टंप से थोड़ी बाहर थी। अंपायर ने इसे वाइड करार दिया। अगली गेंद गुड लेंथ थी, इस पर कोई रन नहीं बना। इसके बाद वाली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी, मिसबाह ने इसे लॉन्ग ऑफ के ऊपर से छक्के के लिए भेज दिया
अब पाकिस्तान को चार गेंद पर छह रन चाहिए थे। अगली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी। मिसबाह ने फाइन लेग के ऊपर से स्कूप खेलने की कोशिश की। गेंद सीधी हवा में गई और श्रीसंत ने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। इस तरह भारत ने मैच और वर्ल्ड टी20 का खिताब अपने नाम किया।
सबको चोखाते भारतीय टीम पहुंची फाइनल में
सभी को चौंकाते हुए धोनी के धुरंधर फाइनल तक पहुंच गए थे और उनके सामने थी पाकिस्तान की टीम। इस टूर्नमेंट में भारत पाकिस्तान को एक बार पहले हरा चुका था। दरअसल लीग मैच में भारत ने पाकिस्तान को बॉल आउट में हराया था। इस पूरे टूर्नमेंट में फाइनल तक भारतीय टीम को सिर्फ एक मुकाबले में (कीवी टीम से) हार मिली थी।
भारत ने की पहले बल्लेबाजी
फाइनल में कप्तान धोनी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गौतम गंभीर की शानदार बल्लेबाजी के दम पर भारत ने 20 ओवर में 157 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाया। पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने शुरुआत में ही मोहम्मद हफीज और कामरान अकमल को चलता किया। भारत की ओर से इरफान पठान ने 16 रन पर तीन विकेट लेकर मैच पर भारत की पकड़ को मजबूत करने में मदद की।मिसबाह ने जगाई रखी पाक की उम्मीद
इमरान नजीर (33) ने कुछ देर टिककर बल्लेबाजी की पर उथप्पा ने उन्हें रनआउट कर भारत को बड़ी कामयाबी दिलाई। पाकिस्तान लगातार विकेट खोता रहा पर मिसबाह-उल-हक ने उसकी उम्मीद जगाई रखी। पाक टीम को चार ओवर में 54 रन चाहिए थे और उसके सात बल्लेबाज पविलियन लौट चुके थे। ऐसे में हरभजन के एक ओवर में मिसबाह ने तीन छक्के लगाकर पाकिस्तान की मैच में वापसी कर दी। पाकिस्तान को अब 18 गेंदों पर 35 रनों की जरूरत थी। 18वें ओवर में तनवीर ने श्रीसंत के ओवर में दो छक्के लगाकर भारत को पूरी तरह दबाव में ला दिया था लेकिन आखिरी गेंद पर श्रीसंत ने तनवीर को बोल्ड कर हिसाब चुकता कर लिया।
आखिरी ओवर में भारत की जीत
आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे और भारत को चाहिए था एक विकेट। धोनी ने सभी संभावनाओं से परे गेंद युवा गेंदबाज जोगिंदर शर्मा के हाथ में थमाई। पहली गेंद ऑफ स्टंप से थोड़ी बाहर थी। अंपायर ने इसे वाइड करार दिया। अगली गेंद गुड लेंथ थी, इस पर कोई रन नहीं बना। इसके बाद वाली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी, मिसबाह ने इसे लॉन्ग ऑफ के ऊपर से छक्के के लिए भेज दिया
अब पाकिस्तान को चार गेंद पर छह रन चाहिए थे। अगली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर थी। मिसबाह ने फाइन लेग के ऊपर से स्कूप खेलने की कोशिश की। गेंद सीधी हवा में गई और श्रीसंत ने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। इस तरह भारत ने मैच और वर्ल्ड टी20 का खिताब अपने नाम किया।